गाँवों में रहता भारत है.. ..||
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
हरे भरे खेतों में, सरसों की पीली फूलों में,
गन्ने के मीठे शरबत में पलता भारत है.. |
गाँवों में रहता भारत है.. ..
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
लहलहाते खेतों में खलिहानों में.. ...
गाँव की मिट्टी के कण-कण में पलता भारत है.|
गाँवों में रहता भारत है.. ..
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
होली के रंगों में, गुलाल की भीनी खुशबू में
गुझीयों की मिठासो संग पलता भारत है.. |
गाँवों में रहता भारत है.. ..
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
बसंत के नव निर्माणों में, माओं की गोदों में..
नव शिशुओं की मुस्कानों संग पलता भारत है.. |
गाँवों में रहता भारत है.. ..
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
दीप पर्व के दीपों में, सावन की महकी बूदों में..
जुगनू सी जगमगाती रातों संग पलता भारत है.. |
गाँवों में रहता भारत है.. ..
गाँवों में रहता भारत है.. ..||
24 March 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment