07 January 2011

जिन्दगी कट रही है. किसी पेड़ की उस शाख

जिन्दगी कट रही है.

किसी पेड़ की उस शाख की तरह जो जड़ से कट गयी है... ... ..

रात होती है,

लेकिन बीतती है किसी अनाथ बच्चे की तरह ... ... .

जिन्दगी कट रही है.

किसी पेड़ की उस शाख की तरह जो जड़ से कट गयी है... ... ..

सुबह भी होती है यहाँ पे ..

लेकिन आशा की किरण कोशों दूर होती है .. .....

जिन्दगी कट रही है.

किसी पेड़ की उस शाख की तरह जो जड़ से कट गयी है... ... ..

तने को जब लगती है चोट ...

वो आता है जड़ के समीप , और लगता है सब दुःख दर्द कट गया है ..

लेकिन जब एक टूटी हुई पत्ती पहुचती है तने के पास ... ..

लेने को दो शांस.. ...

तना होता है ..पत्ती भी होती है..

लेकिन .... ...??????

पत्ती तने को छु नही सकती ...

क्यूंकि.. . ..

तने के बिन पत्ती ...पत्ती हो नही सकती... ..?????

जिन्दगी कट रही है.

किसी पेड़ की उस शाख की तरह जो जड़ से कट गयी है... ...

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