15 January 2011



जिन्दगी...
जिन्दगी सुबह उठःती है बिस्तर से

aankh मिजते हुये... ... , बिस्तर समेटते हुये ... ...
नयी सुबह के सुरज को... ... नजदीक से देखते हुये ... ...
जिन्दगी सुबह उठःती है बिस्तर से

मा-बाप हिलाते हैं हाथ.. ... बच्चो को विदा करते हुये... ...
शाम तक सही सलामत... ... वापसी की दुआ करते हुये...
जिन्दगी सुबह उठःती है बिस्तर से....
aankh मिजते हुये... ... , बिस्तर समेटते हुये .

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